Saturday 18 November 2017

मनसर बौद्ध कालीन स्तूप , नागपुर, महारष्ट्र
नागपुर शहर से कुछ दूर मनसर टेकडी एक पर हुए उत्खनन में बड़े प्रमाण में बौद्धकालीन अवशेष मिले थे. अब तक लगभग 2 हजार 766 बुद्धकालीन मुर्तियां उत्खनन में मिली थीं. खास बात यह है कि इसमें बड़े पत्थरों से तैयार किए गए तीन स्तूप भी मिले थे. स्तूप में बिना सिर वाली मूर्ति के साथ ही अस्थियां भी मिली थीं. यह मुर्तियां और अस्थियां नागार्जुन की ही हैंअब तक हुए उत्खनन में बोधिसत्व व खड़े भिक्खू और सातवाहनकालीन चिन्ह भी मिले हैं. इस के बारे में माना जा रहा है की टेकड़ी पर तालाब के नीचे उत्खनन करने पर बौद्धकालीन स्तूप मिल सकते हैं मनसर टेकड़ी पर एक समय बौद्धकालीन विश्वविद्यालय था. यहां बौद्धकालीन अवशेष होने के कारण उत्खनन का निवेदन पुरातत्व विभाग को दिया गया था. किन उन्होंने इस पत्र पर ध्यान नहीं दिया.

पुरातत्व विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी ए.के. शर्मा ने और 50 फीट नीचे खुदाई करने पर भगवान बुद्ध की अस्थियां मिलने का अनुमान है उन्होंने बताया कि यह सम्पूर्ण उत्खनन करीब 9 साल तक चला. अंग्रेजों ने 17 नवंबर 1906 को मनसर टेकड़ी राष्ट्रीय स्वरक्षित स्मारक के नाम से घोषित की थी. लेकिन मनसर टेकड़ी पर सातवाहन काल के पहले से ही बौद्ध विश्वविद्यालय था.
नागार्जुन के बारे में जानकारी देते हुए भंते ने बताया कि 500 से 600 वर्ष पहले नागार्जुन का जन्म हुआ था. वे आयुर्वेद व रसायन के जनक थे. उन्होंने ही महायान पंथ की स्थापना की थी





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