Sunday 10 December 2017

शिवनेरी बौद्ध गुफाएं , जुन्नर  , महारष्ट्र 


वैसे तो महाराष्ट्र का शिवनेरी किला इस लिए प्रसिद्द है की यह छत्रपति शिवजी राजे की जन्म स्थली है , वैसे यह किला शिवनेरी पुणे के नाणेघाट में है जो ट्रैकर के लिए एक स्वर्ग के सामान है ,शिवनेरी किले के समीप ही है जुन्नर नाम का एक प्रसिद्द और इतिहासिक शहर है ,यह  शहर शंक  साम्राज्य की राजधानी रहा जो केवल बुद्ध के 300 साल बाद हुआ इन के कई राजा बौद्ध धम्म को मानाने वाले थे ,इस के बाद शंक  साम्राज्य सातवाहन राजा गौतमीपुत्र सातकर्णी  ने हराया यह वही राजा है जिन्होंने आंध्र प्रदेश के प्रसिद्द बौद्ध केंद्र अमरावती को बसाया था , यह बौद्ध धम्म के बड़े संगरक्षक थे, जुन्नर  शहर एक व्यापारिक मार्ग था यही कारण रहा की सातवाहन   राजाओ ने इस जगह किले का निर्माण कराया , आज जिसे शिवनेरी किले के नाम से जाना जाता है ,  सातवाहन साम्राज्य के बाद यह  चालुक्य, राष्ट्रकूट आदि साम्राज्यों के कब्जे में आता रहा , लेकीन जैसा मैंने बताया की  सातवाहन राजा बौद्ध धम्म के संगरक्षक थे और यह जगह एक व्यापारिक मार्ग पर थी इस लिए इस जगह से बौद्ध भिक्षु   धम्म प्रचार करते थे इस कारण यह कुछ बौद्ध गुफाये पायी गयी है यह 60 गुफाओं का समूह है जो सातवाहन काल का है दूसरी शताब्दी  के शुरुआती दिनों में यह स्थान बौद्ध  गतिविधियों के केंद्र का महत्वपूर्ण स्थान था इन बौद्ध गुफाओ में कुछ जो महत्वपूर्ण गुफाये है वह है 


गुफा 26 - दो मंजिला बौद्ध  विहार
गुफा 45 - "बारा-कोत्री" के नाम से जाना जाने वाला  बौद्ध भिक्षुओं का निवास जो   12 अलग अलग भागो में है ।
गुफा 51 - एक चैत्य में किसी  व्यापारी का शिलालेख 




Sunday 19 November 2017

अटक बौद्ध स्तूप , पंजाब ,पाकिस्तान
यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है की पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरता किस कदर हावी है। यहां धर्म विशेष के धार्मिक स्थलों छोड़ के किस और धर्म के लोगो को काफिर कहा जाता है और उन को बुतपरस्त कहा जाता है इस लिए पाकिस्तान की सरकार जानबूझ कर दूसरे धर्मो के धार्मिक स्थलों या ऐतिहासिक महत्व स्थलों को बर्बाद होने छोड़ देती है।
ऐसी ही एक बौद्ध महत्त्व का स्थल आज पाकिस्तान में अपनी आखरी सांस गिन रही है ग्रैंड ट्रंक रोड के किनारे पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में पुंजासाहेब नाम की एक जगह है सर जॉन मार्शल, जो भारत के महानिदेशक पुरातत्व सर्वेक्षण (1 9 02-19 28) थे, उन्होंने कहा था की इस जगह बौद्धों ने चार स्तूप और मठों को बनाया था जो तकशिला के बाद पाकिस्तान वाले हिस्से में सबसे बड़े बौद्ध मठो में से एक था यह बौद्ध करीब 2,000 साल पुराना था मतलब इस्लाम के जन्म से भी 600 साल पुराना इस के बाद इसे इस्लामी आक्रमणकारी ने तबाह कर दिया और जब यह इलाका सिखों के कब्ज़े में आया तब इस पे एक गुरुद्वारा बनाया गया लेकीन आज यह इलाका पूरी तरह तबाह है और इसे लोगो द्वारा कबज़ा कर घर और खेती के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

Saturday 18 November 2017

मनसर बौद्ध कालीन स्तूप , नागपुर, महारष्ट्र
नागपुर शहर से कुछ दूर मनसर टेकडी एक पर हुए उत्खनन में बड़े प्रमाण में बौद्धकालीन अवशेष मिले थे. अब तक लगभग 2 हजार 766 बुद्धकालीन मुर्तियां उत्खनन में मिली थीं. खास बात यह है कि इसमें बड़े पत्थरों से तैयार किए गए तीन स्तूप भी मिले थे. स्तूप में बिना सिर वाली मूर्ति के साथ ही अस्थियां भी मिली थीं. यह मुर्तियां और अस्थियां नागार्जुन की ही हैंअब तक हुए उत्खनन में बोधिसत्व व खड़े भिक्खू और सातवाहनकालीन चिन्ह भी मिले हैं. इस के बारे में माना जा रहा है की टेकड़ी पर तालाब के नीचे उत्खनन करने पर बौद्धकालीन स्तूप मिल सकते हैं मनसर टेकड़ी पर एक समय बौद्धकालीन विश्वविद्यालय था. यहां बौद्धकालीन अवशेष होने के कारण उत्खनन का निवेदन पुरातत्व विभाग को दिया गया था. किन उन्होंने इस पत्र पर ध्यान नहीं दिया.

पुरातत्व विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी ए.के. शर्मा ने और 50 फीट नीचे खुदाई करने पर भगवान बुद्ध की अस्थियां मिलने का अनुमान है उन्होंने बताया कि यह सम्पूर्ण उत्खनन करीब 9 साल तक चला. अंग्रेजों ने 17 नवंबर 1906 को मनसर टेकड़ी राष्ट्रीय स्वरक्षित स्मारक के नाम से घोषित की थी. लेकिन मनसर टेकड़ी पर सातवाहन काल के पहले से ही बौद्ध विश्वविद्यालय था.
नागार्जुन के बारे में जानकारी देते हुए भंते ने बताया कि 500 से 600 वर्ष पहले नागार्जुन का जन्म हुआ था. वे आयुर्वेद व रसायन के जनक थे. उन्होंने ही महायान पंथ की स्थापना की थी





Friday 1 September 2017

गिनकाकु  जी बौद्ध मठ ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान

गिनकाकु  -जी बौद्ध मठ जापानके क्योटो प्रीफेक्चर में है। इस मठ को 14 वी सदी में बनाया गया था। 

Monday 28 August 2017

इकान-डो जेनरीन-जी  बौद्ध मठ ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान 


इकान-डो जेनरीन-जी  बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर में है। इस मठ को बौद्ध भिक्षु  कुकाई के एक छात्र शिनशो द्वारा स्थापित किया गया था, और यह मठ  पतझड़ के मौसम में अपने गिरते पत्तों के लिए प्रसिद्ध है और साथ ही  बौदध धम्म सिखने के एक केंद्र के रूप में भी इस मठ को 853 स्थापित किया गया था 

डाइटोकु  -जी  ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान

डाइटोकु  -जी बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर  में है।  यह  बौद्ध मठ 57 एकड़ में फैला है। इस मठ को 1315 या 1319 में बौद्ध  भिक्षु शूहो मायोचो द्वारा बनवाया गया था। 

Wednesday 23 August 2017

डाइकाकु -जी   ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान


 डाइकाकु -जी बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर  में है।  इस मठ को  हेनिन समय काल में सन्  814 में बनवाया गया था जब यह सम्राट सागा का साम्राज्य था।  इस मठ के पीछे एक कहानी है ऐसा कहा जाता है की एक बार जापान में गंभीर महामारी फैली तब बौद्ध धम्म की एक शाखा शिंगोन बौद्ध धम्म  के संस्थापक कोबो डाशी में सम्राट सागा को अपने हाथो से बौद्ध धार्मिक दस्तावेज को हृदय सूत्र की एक लिखित प्रतिलिपि बनाने को कहा सम्राट ने ऐसा ही किया और जापान को महामारी से मुक्ति मिल गई आज भी यह लोग आके हृदय सूत्र को अपने हाथो से लिखते है सम्राट की मृत्यु के बाद उन की बेटी ने यह एक भव्य मठ का निर्माण किया। 
डायगो जी  ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान

डायगो जी  बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर  में है।  हेनिन समय काल में सन्  874 में, रिगेन-दाशी (शोबो) ने इस मठ को बनवाया , इस  मठ के कोंडो हाल  और पांच मंजिला पैगोडा को जापान के राष्ट्रीय खजाने के रूप में मान्यता मिली है। 

Saturday 19 August 2017

चिओन-इन ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान

चिओन-इन बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर  में है। इस बौद्ध मठ की खासियत यह है की यह बौद्ध धम्म की महायान शाखा के जोड़ो - शु संप्रदाय का प्रमुख मठ है। इस बौद्ध मठ का निर्माण जोड़ो - शु संप्रदाय के संस्थापक होनीन के शिष्य, केनिची ने  1234 में  किया था।

Thursday 17 August 2017

ब्योडो  -इन ,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान

ब्योडो  -इन बौद्ध मठ जापान के क्योटो प्रीफेक्चर की उजी शहर में है। इसे हेनिन समय काल के अंतिम समय  में बनाया गया था। 1994 में, यूनेस्को ने इस मठ को  विश्व विरासत स्थल के रूप में  सूचीबद्ध किया वैसे इस मठ को 998 में मंत्रियो के लिए बनाया गया था इस की सबसे कीमती सम्पति इस का फोनिक्स हाल है जिसे जापान के राष्ट्रीय खजाने का दर्जा प्राप्त है साथ ही इस मठ के गार्डन को राष्ट्रीय  ऐतिहासिक स्थल और दर्शनीय सौंदर्य  स्थान का दर्जा प्राप्त  हैं।

Friday 4 August 2017

एडशिनो नेबुत्सु-जी,क्योटो प्रीफेक्चर,जापान






जापान की धार्मिक नगरी  क्योटो में स्थित है एडशिनो नेबुत्सु-जी बौद्ध तीर्थ है ऐसा कहा जाता है 811 कुकाई नाम के बौद्ध भिक्षु ने इस की स्थापना की थी। हेयियन काल में इस स्थल पर  मृत शरीरों को छोड़ दिया जाता था जिन की याद में कुछ आठ हजार बौद्ध प्रतिमाएं है जिन्हे यहां देखा जा सकता है। सैटो कूओ नाम का एक समारोह, यह आयोजित किया जाता है तब यहां दस हजार पत्थर के मूर्तियां के पास मोमबत्तियों जलाई जाती है 

Saturday 15 July 2017


सोजी -जी बौद्ध मठ, कानागावा प्रीफेक्चर,जापान


सोजी -जी बौद्ध मठ जापान के कानागावा प्रीफेक्चर में स्थित है। इसे 740 में एक शिंगोन बौद्ध मठ के रूप में स्थापित किया गया था इस में कुल 12 इमारते है  1898 में मठ पूरी तरह से आग से नष्ट हो गया था इसे 1911 में वापस बनाया गया यह जापान में सबसे बड़े और व्यस्ततम बौद्ध संस्थानों में से एक है



यहां के बौद्ध भिक्षु की दिनचर्या 


20 वीं शताब्दी के मध्य के अनुसार, भिक्षुओं का दिन गर्मियों में 3 बजे शुरू होता है और सर्दियों में एक घंटे बाद में इस के बाद सभी बौद्ध भिक्षु 2 घंटे  जाज़ेन नाम की ध्यान विद्या का अभ्यास करते है यह विपश्यना का ही एक रूप है 75 मिनट के लिए सभी बौद्ध ग्रन्थ का पाठ करते है बाद में नाश्ता (चावल दलिया, चाय और अचार) खाते हैं और फिर 90 मिनट के लिए वे इमारतों और बहार साफ़ सफाई करते है 8 बजे वे चीनी कविता और डोन्गेन और केज़न जैसे ज़ेनजियों के लेखन का अध्ययन करते हैं।11 बजे वे ब्यूसूडेन जाते हैं जहां वे आगंतुकों के लिए बौद्ध सूत्रों का पाठ करते है 1 से 3 बजे वे खाना खाते है इस के बाद वे एक बार फिर आगंतुकों के लिए बौद्ध सूत्रों का पाठ करते है और 5 बजे खाना खाते है और 6 से 8 बजे उन के गुरु द्वारा  उन्हें बौद्ध सूत्र पढ़ना सिखाया जाता है  8  से 9 बजे तक वे जाज़ेन  अभ्यास करने के लिए वापस आते हैं और 9 बजे सो जाते है 

Tuesday 11 July 2017

कोटकु-इन  बौद्ध मठ, कानागावा प्रीफेक्चर,जापान


कोटकु-इन बौद्ध मठ जापान के कानागावा प्रीफेक्चर में स्थित है। यह मठ "महान बुद्ध" के लिए प्रसिद्ध है,जो मठ के बहार  बुद्ध की एक विशाल  कांस्य प्रतिमा है जो जापान के सबसे प्रसिद्ध प्रतीकों में से एक है।प्रतिमा लगभग 13.35 मीटर (43.8 फीट) लम्बी  है जिसमें आधार शामिल है और इसका वज़न  93 टन है।

केंचो  -जी बौद्ध मठ, कानागावा प्रीफेक्चर,जापान


केंचो  -जी बौद्ध मठ जापान के कानागावा प्रीफेक्चर में स्थित है,केंचो जी जापान में सबसे पुराना बौद्ध धम्म की ज़ेन शाखा का  प्रशिक्षण मठ है और कामकुरा पांच-पर्वत प्रणाली में सर्वोच्च रैंक रखती है। 
 पांच-पर्वत प्रणाली की शुरवात भारत में हुयी थी इस के अंदर मठ को किसी निर्जन स्थान पर बनाया जाता है भारत से ही यह चीन और जापान पंहुचा ।  यह मठ सम्राट गो-फुकुसा के आदेश पर बनाया गया था जिस का काम  1253 में पूरा किया गया था। 

होकोकु -जी बौद्ध मठ, कानागावा प्रीफेक्चर,जापान

होकोकु  -जी बौद्ध मठ जापान के कानागावा प्रीफेक्चर में स्थित है,जो अपने  बांस उद्यान के लिए प्रसिद्ध, इसे"बांस मठ" भी कहा जाता है।  यह मठ 13,000 वर्ग मीटर में फैला है। इसे 1334 में बनाया  गया था। 

इनगाकु  -जी बौद्ध मठ, कानागावा प्रीफेक्चर,जापान

 इनगाकु  -जी बौद्ध मठ जापान के  कानागावा  प्रीफेक्चर में स्थित है। इनगाकु  -जी बौद्ध मठ 1282 में एक चीनी जेन बौद्ध  भिक्षु द्वारा जापान के तत्कालीन शासक होजो टोकिमुने के अनुरोध पर 
स्थापित किया गया था जिन्होंने 1274 से 1281 की अवधि में एक मंगोल आक्रमण को रोका था। इस बौद्ध मठ को दोनों पक्षों के जो लोग   जो युद्ध में मारे गए थे उन की याद में बनाया गया था साथ ही बौद्ध धम्म जी जेन शाखा का प्रचार भी इस मठ को स्थापित करने का मकसद था।

Monday 10 July 2017

ज़ेन्ट्सु  -जी बौद्ध मठ,  कागावा  प्रीफेक्चर,जापान

ज़ेन्ट्सु  -जी बौद्ध मठ जापान के  कागावा  प्रीफेक्चर में स्थित है। ह 813 में कूकेई के पिता ज़ेंटु साकी ने स्थापित किया था। कूकेई जापान के प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु थे यह मठ उनका जन्म स्थान भी था। 

मोटोयामा -जी बौद्ध मठ,  कागावा  प्रीफेक्चर,जापान

मोटोयामा -जी बौद्ध मठ जापान के  कागावा  प्रीफेक्चर में स्थित है। इसे 807 में सम्राट हेईजी के  निर्देश पर  स्थापित किया गया था। इस  मोटोयामा -जी बौद्ध मठ का मुख्य हॉल जो सन1300 में पूरा हुआ यह जापान का राष्ट्रीय धरोहर के रूप में नामित है। 

Friday 7 July 2017

मोत्सू -जी बौद्ध मठ, इवाते  प्रीफेक्चर,जापान

 मोत्सू -जीबौद्ध मठ  बौद्ध धम्म की   तेंदई संप्रदाय का मुख्यालय है जिसे 850 में बनाया गया था। यह  स्थान  यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध है। माना जाता है कि यह पर एक समय 40 इमारतें थीं जिस का निर्माण  कीमती धातुओं और मूल्यवान लकड़ी से किया गया था ,साथ ही 500 मठों थे जहा बौद्ध  भिक्षुओं द्वारा धम्म  की शिक्षा दी जाती थी।  13 वीं शताब्दी में विनाशकारी आग और बाद के वर्षों में युद्धों ने  इन में से ज्यादातर को ख़त्म कर दिया। अब यह एक हॉल जिस में बुद्ध की मूर्ति है एक बिल्डिंग जिस में बौद्ध धम्म की शिक्षा दी जाती है एक गार्डन और एक तालाब ही बचा  है लेकीन पुराने बौद्ध अवशेष  अभी भी देखे जा सकते है। वर्ष के निश्चित समय में तालाब फूलों से फूलों से घिरा हुआ रहता है यह बगीचे के सबसे सुंदर दृश्य के रूप में माना जाता है।

Monday 3 July 2017

चुसन-जी बौद्ध मठ, इवाते  प्रीफेक्चर,जापान

चुसन-जी बौद्ध मठ  को  फुजिवारा नो कियोहीरा द्वारा 1095 में बनाया गया था। 1100 से पहले इस क्षेत्र में बौद्ध गतिविधि का पुरातात्विक या ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं है।

Saturday 25 February 2017

सगामी -जी   बौद्ध मठ, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

 सगामी -जी  बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की  शिंगोन बौद्ध शाखा का मठ है। मठ  के रिकॉर्ड के मुताबिक साल 745 में बौद्ध भिक्षु गायोंकी को दिव्य वाणी सुनाई दी की इस स्थान पर  मठ का निर्माण किया जाये तब उन्होंने म्राट शोमू से अनुरोध किया और उन्होंने इसे बनाने का आदेश दिया 
टाइसन -जी   बौद्ध मठ, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

 टाइसन -जी   बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की टेंडाई बौद्ध शाखा का मठ है। इसे  716 में महारानी गेनशो  के निर्देश द्वारा स्थापित किया गया था। इस का मुख्य हाल 1293 में  बनाया गया था जिसे जापान सरकार ने राष्ट्रीय खजाना घोषित किया हुआ है।


ककुरिन  -जी  बौद्ध मठ, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

ककुरिन  -जी बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की टेंडाई बौद्ध शाखा का मठ है। यह 589 में राजकुमार शोतोकु  के निर्देश द्वारा स्थापित किया गया था इस का काम 1112 में पूरा हुआ और मठ मुख्य हॉल 1397 में पूरा किया गया मठ और मुख्य हाल जापान सरकार ने राष्ट्रीय खजाना घोषित किया हुआ है।
जोड़ो -जी  बौद्ध मठ, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

 जोड़ो -जी बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की शिंगोन  बौद्ध शाखा का मठ है। इसे1190 - 1198  के बीच  स्थापित किया गया था। इसे जापान सरकार ने राष्ट्रीय खजाना घोषित किया हुआ है। इस की वास्तुकला में जापानी और चीनी वास्तुकला की झलक है 
इचिजो - जी बौद्ध मठ, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

इचिजो - जी बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की  टेंडाई बौद्ध शाखा का मठ है। इसे  650 में सम्राट कोटकु  के निर्देश द्वारा स्थापित किया गया था। इस का काम  1171 में पूरा किया गया इसे जापान सरकार ने राष्ट्रीय खजाना घोषित किया हुआ है। 

Wednesday 22 February 2017

इंगयो  जी, ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

 इंगयो  जी बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, यह यह महायान बौद्ध धर्म की  टेंडाई बौद्ध शाखा का मठ है जिसे शोकु  शोनिन द्वारा 966 में स्थापित किया गया था। यह मठ शोशा पर्वत पर स्थित है जिस पर रोप वे से भी जाया जा सकता है   हिमेजी  स्टेशन से बस द्वारा यह की दुरी 25 मिनट है।  लास्ट समुराई फिल्म को यहां फिल्माया गया था 

Monday 20 February 2017

पोहाले  बौद्ध गुफाये  ,कोहलापुर ,महाराष्ट्र 

पोहाले  बौद्ध गुफाएं महाराष्ट्र के कोल्हापुर के नज़दीक है कोल्हापुर  शहर से  8 किमी उत्तर पश्चिम में ,इस के पास में पोहाले गाँव है से 3 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित हैं के पहाड़ी के तल के किनारे जिसे ज्योतिबा पहाड़ी के रूप में जाना जाता है और इस गुफा को स्थानीय लोग 'पांडवलेनी ' । 'लेनी' एक मराठी शब्द है जिसका अर्थ 'गुफा' है। यहां कुल 6 गुफा है वहाँ दो मुख्य गुफाओं हैं; उनमें से
एक स्कूल या सीखने का स्थान है  और अन्य चैत्य है वहाँ उपयोग में दो चट्टानों को काटकर पानी की टंकी है जो आब भी इस्तमाल की जाती है यहां पर एक  12 फीट ऊंची; शिवलिंग और नंदी भी है जिसे बाद के वर्षो में बनाया गया है 

Wednesday 25 January 2017

चोको -जी,ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

चोको -जी  बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है, आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इस मठ को  मूल रूप से माउंट गोंजन  पर 7 वीं शताब्दी में, निर्माण किया गया था होदो -शोनिन  द्वारा।1185 में, मठ में आज के जगह पर ले जाया गया। इस जगह  को  जापान सरकार द्वरा दो राष्ट्रीय खजाने और एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संपत्ति घोसित की गई है 
अन्तई-जी बौद्ध मठ,ह्योगो प्रीफेक्चर,जापान 

अन्तई-जी बौद्ध मठ जापान के ह्योगो प्रीफेक्चर में स्थित है जिसे ओका  सातन द्वारा    1921 में स्थापित किया गया था ताकि बौद्ध धर्म की पढ़ाई की जा सके।  कई  प्रमुख विद्वानों के द्वारा यहाँ अध्ययन किया है यह बौद्ध मठ पहाड़ों में लगभग 50 हेक्टेयर भूमि में फैला है और इसे केवल  गर्मी के महीनों में ही देखा जा सकता है सर्दियों के दौरान बर्फ की वजह से यह पहुचना कठिन है इस स्थान अपनी विशेष ध्यान विधि के कारण प्रसिद्ध है 



Tuesday 24 January 2017

मायओ -इन बौद्ध विहार ,हिरोशिमा,जापान 

मायओ -इन जापान के हिरोशिमा प्रान्त के फुकुयामा में स्थित बौद्ध धर्म का बुद्ध विहार है। इस विहार को 807.में  बनाया गया था और इस बाद यह जापान में मौजूद बौद्ध धर्म की अलग अलग शाखा के पास रहा और वर्तमान मे यह  बौद्ध धर्म की शिनगोन का विहार है ,इस विहार में जापान सरकार द्वरा दो राष्ट्रीय खजाने और एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संपत्ति घोसित की गई है जिस में पांच मंजिला पैगोडा और एक हाल है
अनकोकु जी बौद्ध विहार ,हिरोशिमा,जापान 

अनकोकु जी जापान के हिरोशिमा प्रान्त के फुकुयामा में स्थित बौद्ध धर्म की रिन्जाई स्कूल की कोकुटाई जी शाखा का बुद्ध विहार है। इस विहार को बौद्ध भिक्षु  काकुशीन  द्वारा1273 में  बनाया गया था जिस के बाद यह गिर गया था और फिर 1579 में अंकोकुजी एकई द्वारा इस का पुनरुद्धार किया गया यह विहार जापान सारकार द्वारा महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

Tuesday 3 January 2017

बुटुसु -जी बौद्ध विहार हिरोशिमा जापान

बुटुसु -जी बौद्ध विहार  जापान के हिरोशिमा में मौजूद है और इसे 1397 या 1399 में स्थापित किया गया यह जेन बौद्ध धर्म की बुटुसु -जी रिन्जाई शाखा का सबसे प्रमुख विहार है।