Friday, 6 November 2015

ईहिजी-जी बौद्ध मठ,फुकुई ,जापान
ईहिजी-जी बौद्ध मठ ज़ेन बौद्ध धर्म के एक शाखा सोटो स्कूल के दो मुख्य विहारों में से एक है,यह जापान के फुकुई जिले के 5 किमी पूर्व में स्थित है। इसका विहार या मठ का संस्थापक ईहिजी- डोजेन था जिसने 13 वीं सदी के दौरान चीन से जापान बौद्ध धर्म की सोटो ज़ेन शाखा ले कर आया था , आज यहा करीब 200 बौद्ध भिक्षु रहते है और हर साल 12 लाख पर्यटक आते है ,आज यह विहार 82 एकड़ में फैला है
14,000 बौद्ध पूजा स्थलों के साथ बौद्ध धर्म की सोटो शाखा जापान का सबसे बड़ा बौद्ध संगठन है।


Thursday, 5 November 2015


प्राचीन सोमपुरा महाविहार,नौगाँव ,बांग्लादेश
सोमपुरा महाविहार बांग्लादेश के पहारपुर, बदलगाछी उपजिला, नौगाँव जिला में है। यह महाविहार भरतीय उपमहाद्वीप में सबसे अच्छा ज्ञात बौद्ध विहार में से एक है और बांग्लादेश में सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है। और इस जगह को 1985 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में नामित किया गया है यह हिमालय के दक्षिण में पाया गया दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है ,
सोमपुरा महाविहार, पाला राजवंश के राजा धर्मपाल द्वारा बनाया गया था,पाला सम्राज्य बौद्ध धर्म का महान संरक्षक था इसी राजवंश के कारण मध्यकालीन भारत में बौद्ध धर्म फिर फल फूल पाया था , पाला साम्राज्य की नीव यादव वंश के सैन्य कमांडर गोपाल ने राखी थी। इस लिए इसे यादव - पाल वंश भी कहा जाता है। पाल राजवंश के पश्चात सेन राजवंश ने बंगाल पर 160 वर्ष राज किया। जिस के समय भी बौद्ध धर्म अच्छी तरह फला फुल और इसे सेना - पाल वंश भी कहा जाता है।
यह जगह कुछ सदियों तब आबाद रही और 12 वीं सदी में पूरी तरह वीरान हो गयी क्यों की इस जगह वंगा साम्राज्य की तरह से हमला हुआ था जो उड़ीसा का था और यह जगह उस की बाद कभी आबाद नहीं हो पायी
यह विहार 20 एकड़ जमीन पर है ,चतुष्कोणीय संरचना 177 वर्ग से मिल के बानी है और और केंद्र में एक परंपरागत बौद्ध स्तूप है ,यहा के कमरे और आवास को ध्यान के लिए भिक्षुओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता था। और यह जगह उस समय बौद्ध धर्म के जैन ,हिन्दू धर्म का भी प्रमुख केंद्र बन गया था ,और यह जगह पूर्वी भारत का महत्वपूर्ण बौद्ध विश्वविद्यालय बन गया था 

Tuesday, 3 November 2015

बन्दरबान बुद्ध धातु जड़ी ,बांग्लादेश
बुद्ध धातु जड़ी बंगलादेश के बन्दरबान शहर के बालाघाट कस्बा के करीब स्थित है। यह बौद्ध विहार सन् 2000 में बनाया गया है। यहा भगवन बुद्ध के अवशेष रखे है जिसे म्यांमार (बर्मा)द्वारा यहा दिया गया है। यह बांग्लादेश में सबसे बड़ा थेरवाद बौद्ध मंदिर है और यहा बांग्लादेश की दूसरी सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा है। बन्दरबान में बौद्धों की एक बड़ी जातीय आबादी है। बौद्ध बांग्लादेश की आबादी का 0.7% है,सबसे ज्यादा बौद्ध दक्षिण-पूर्वी जिले चटगांव और चटगांव के पहाड़ी इलाके में रहते है और मुस्लिम और हिन्दुओ के बाद बांग्लादेश में किसी धर्म की तीसरी बड़ी आबादी है।




Monday, 2 November 2015

सेरूविला मंगला राजा महाविहारया ,त्रिंकोमली ,श्रीलंका
सेरूविला मंगला राजा महाविहारया श्रीलंका के पूर्वी प्रांत त्रिंकोमली में एक प्राचीन बौद्ध विहार है ,यह राजा कवनतिस्सा द्वितीय (2 शताब्दी ई.पू.) में भगवन बुद्ध के सर की किसी हड्डी को रखने के लिए बनाया गया था ,यह श्रीलंका के सोलह पवित्र स्थान सोलोसमस्थाना में से एक है।


सोमावाठिया चैत्य ,पोलोन्नरु ,श्रीलंका
सोमावाठिया चैत्य श्रीलंका, के प्राचीन पोलोन्नरु शहर में है। सोमावाठिया चैत्य सोमावाठिया राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है,महावेली नदी के बाएं किनारे पर,और ऐसा कहा जाता है की इसे दुतुगेमूनु के काल में बुद्ध के दांत के अवशेष रखने के लिए बनाया गया था और इस चैत्य का नाम राजकुमारी सोमावाठिया के नाम पर रखा गया था जो दुतुगेमूनु की पुत्री थी।

Sunday, 1 November 2015

पोलोन्नरु वतडागे , पोलोन्नरु,श्रीलंका
पोलोन्नरु वतडागे ,श्रीलंका, के पोलोन्नरु शहर में पाये जाने वाला स्तूप है और यह अन्य स्तुपो से अलग है क्यों की इसे चबूतरे के ऊपर बनाया जाता था और स्तूप को छत से ढका जाता था।
पोलोन्नरु वतडागे श्रीलंका में पाये जाने वाली एक प्राचीन संरचना है जो 12 वीं सदी की है जिसे पोलोन्नरु साम्राज्य के समय बनाया गया था। ऐसा मन जाता है यह पराक्रमाबहु प्रथम मैं के शासनकाल के दौरान बनाया गया है बुद्ध के दांत के अवशेष रखने के लिए या फिर निस्संका मल्ला के शसन काल के दौरान बुद्ध द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाले भिक्षापात्र रखने के लिए

गाल विहार ,पोलोन्नरु ,श्रीलंका
गाल विहार श्रीलंका के उत्तर मध्य प्रांत के प्राचीन शहर पोलोन्नरु शहर में स्थित है। इसे ईसा के बाद 12 वीं सदी में पराक्रमबाहु प्रथम के शासन काल में बनाया गया था ,इस विहार का मुख्य आकर्षण का केंद्र बुद्ध की चार मुर्तिया है जिसे ग्रेनाइट पत्थर में बनाया गया है