Sunday, 21 February 2016

त्रिरश्मी या पांडु बौद्ध गुफाएं नासिक, महाराष्ट्र



त्रिरश्मी या पांडु बौद्ध गुफाएं नासिक, महाराष्ट्र,के दक्षिण में 8 किमी दूर स्थित है।
त्रिरश्मी या पांडु बौद्ध गुफाएं हीनयान बौद्ध संप्रदाय की 24 गुफाओं एक समूह है जिन्हे 2 शताब्दी ईसवी से लेकर 3 शताब्दी ई.पू. तक बने गया था। गुफाओं में से अधिकांश विहार हैं (बौद्ध भिक्षु के रहने का स्थान ) लेकीन 18 वीं गुफा है जो एक चैत्य (बौद्ध पूजा स्थान )है.
वैसे तो यहा 24 गुफाओं एक समूह है लेकीन दो गुफा प्रमुख आकर्षण हैं मुख्य गुफा जो चैत्य (प्रार्थना हॉल) और जिस में एक सुंदर स्तूप है दूसरी गुफा 10 जो संरचनात्मक और शिलालेख दोनों रूप से सुसज्जित है। गुफाओं को पुंडरु कहा जाता था पाली में भाषा है जिसका अर्थ है "पीला गेरू रंग" जिस बौद्ध भिक्षु पहना करते थे , इस कारण इस गुफा का नाम पांडु गुफा पड़ा इस का महाभारत से कोई रिश्ता नहीं है।

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