Thursday 18 February 2016

भगवान बुद्ध का अस्थि कलश ,पटना संग्रहालय ,भारत

पटना संग्रहालय में रखे बुद्ध के अवशेष पटना संग्रहालय के सबसे बेशकीमती संपत्ति में से एक है और यहा पर1972 के बाद से मौजूद है। पवित्र अवशेष वैशाली जिले में बनया गांव में बने एक स्तूप से प्राप्त हुआ था जिसे पुरातत्वविद् अनंत सदाशिव अल्टेकर द्वारा 1958-1961 में किये गए एक अभियान के दौरान प्राप्त किया गया था , यह एक सफ़ेद बास्केट में रखा गया है जो बुद्ध की राख से एक तिहाई भरा है इस के साथ कुछ और सामान भी वहा मौजूद है जिसे , एक टूटे हुए कांच के मोती, तांबा पंच मार्क सिक्के, शंख और सोने की एक छोटी पत्ती आदि सामान है ।

पौराणिक कथा के अनुसार, बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण को प्रापत किया ,उनके अंतिम कार्य के बाद उनके अवशेषों को आठ भागो में बाटा गया था ,जिस में से एक भाग वैशाली के लिच्छवी को भी मिला जिस पर उन्होंने स्तूप का निर्माण किया ,बुद्ध के बाकि अवशेषों पर भी स्तुपो का निर्माण हुआ , चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के अनुसार सम्राट अशोक ने एक स्तूप को छोड़ के सभी स्तुपो में से बुद्ध के अवशेष निकलवाके उस में से प्राप्त अवशेष को बारबार भागो में बांटा कर करीब 84000 स्तूप का निर्माण करवाया था। ऐसा कहा जाता है सम्राट अशोक ने जिस एक स्तूप में अवशेष छोड़े थे वो इस खुदाई में प्राप्त हुआ और इस समय पटना संग्रहालय में मौजूद है यह जो स्तूप का निर्माण वैशाली के लिच्छवी द्वारा किया गया था।

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