सोजी -जी बौद्ध मठ जापान के कानागावा प्रीफेक्चर में स्थित है। इसे 740 में एक शिंगोन बौद्ध मठ के रूप में स्थापित किया गया था इस में कुल 12 इमारते है 1898 में मठ पूरी तरह से आग से नष्ट हो गया था इसे 1911 में वापस बनाया गया यह जापान में सबसे बड़े और व्यस्ततम बौद्ध संस्थानों में से एक है
यहां के बौद्ध भिक्षु की दिनचर्या
20 वीं शताब्दी के मध्य के अनुसार, भिक्षुओं का दिन गर्मियों में 3 बजे शुरू होता है और सर्दियों में एक घंटे बाद में इस के बाद सभी बौद्ध भिक्षु 2 घंटे जाज़ेन नाम की ध्यान विद्या का अभ्यास करते है यह विपश्यना का ही एक रूप है 75 मिनट के लिए सभी बौद्ध ग्रन्थ का पाठ करते है बाद में नाश्ता (चावल दलिया, चाय और अचार) खाते हैं और फिर 90 मिनट के लिए वे इमारतों और बहार साफ़ सफाई करते है 8 बजे वे चीनी कविता और डोन्गेन और केज़न जैसे ज़ेनजियों के लेखन का अध्ययन करते हैं।11 बजे वे ब्यूसूडेन जाते हैं जहां वे आगंतुकों के लिए बौद्ध सूत्रों का पाठ करते है 1 से 3 बजे वे खाना खाते है इस के बाद वे एक बार फिर आगंतुकों के लिए बौद्ध सूत्रों का पाठ करते है और 5 बजे खाना खाते है और 6 से 8 बजे उन के गुरु द्वारा उन्हें बौद्ध सूत्र पढ़ना सिखाया जाता है 8 से 9 बजे तक वे जाज़ेन अभ्यास करने के लिए वापस आते हैं और 9 बजे सो जाते है
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