मतली अलु विहार , अलुविहारे,श्रीलंका
मतली अलु विहार श्रीलंका के जिला के अलुविहारे शहर मौजूद एक विहार है। पहाड़ियों से घिरा, अलुविहारा गुफा विहार कैंडी शहर के दक्षिण में मातले -दांबुला सड़क पर 30 किलोमीटर दूर है। इस विहार का इतिहास 3 शताब्दी ईसा पूर्व में राजा देवनम्पियातिस्सा के शासनकाल के आस पास पता लगता है। यहा राजा ने दोगबा (स्तूप ) बनवया था और बोधि वृक्ष लगाया था। यह मतली अलु विहार ही वह स्थान है जहा बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को पहली बार पाली भाषा में ओला (ताड़) के पत्तों पर लिखा गया था यहा कुछ गुफाएं जहा भिक्षु निवास करते थे स्थित है और प्रदर्शनी भित्तिचित्रों इस विहार के निकट स्थित हैं।
1 शताब्दी ई.पू.,,श्रीलंका के राजा वलागम्बा के समय श्रीलंका में सुखा पड़ा जो 12 साल तक चला और श्रीलंका पर भारत के दक्षिण से आक्रमण हुआ जिस की वजह से राजा वलागम्बा को 14 सालो तक निर्वासित जीवन जिन पड़ा बाद में उन्होंने अपने शत्रु को हरा के अपना राज्य वापस ले लिया था ,12 साल के सूखे में बौद्ध भिक्षु मरने लगे जिस की वजह से उन्हें बौद्ध धर्म के श्रीलंका में खत्म होने का खतरा महसूस हुआ और उन्होंने धम्म के उपदेशो को ओला (ताड़) के पत्तों पर लिखा कर सुरक्षित किया ताकि बौद्ध धर्म खत्म न हो जाये इस मतली अलु विहार में ,