बौद्ध स्थल रानीगाट,खैबर पख्तूनख्वा प्रांत,पाकिस्तान
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले में स्थित बौद्ध स्थल है रानीगाट रानी हिदी का शब्द है और गाट पश्तो जिसका मतलब है बड़ा पत्थर। पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस स्थल को जिले के दूरदराज इलाकों से भी साफ देखा जा सकता है।
पुरातत्वविदों के मुताबिक, रानीघाट सदियों तक बौद्ध कला व संस्कृति का केंद्र रहा था। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार "डान" में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राचीन समय में जापान से कई लोग यहां बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने आते थे।
पहली से छठी शताब्दी के कालखंड से संबंध रखने वाले रानीगाट को पुरावशेष अधिनियम 1975 के तहत संरक्षित किया गया है और तीस जनवरी, 2004 को इसे वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल किया गया था।
बौद्ध गांधार सभ्यता के मूल का एक हिस्सा होने के कारण जापानी शोध संस्थानों की ओर से इसकी मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता भी मिलती रहती है। पाकिस्तान सरकार ने गांधार सभ्यता के उद्गम स्थल की एक प्रमुख बौद्ध विरासत स्थल के रूप में रानीगाट का प्रचार किया गया था।
लेकिन पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के चलते पयर्टकों का यहां आना लगातार कम हुआ हैजिस वजह से इसे सरकार की उपेक्षा का सामना करना पड़ा है और लंबे समय से उपेक्षित होने की वजह से नष्ट होने की कगार पर है।। रानीगाट चार किलोमीटर के दायरे में फैला गांधार क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है।
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