Friday 25 September 2015

जेतवनरमा दगोबा, अनुराधापुरा, श्रीलंका
जेतवनरमा दगोबा अनुराधापुरा के पूर्वी भाग में बना एक बहुत बड़ा स्तूप है।अनुराधापुरा के राजा महासेना (273-301) ने महाविहार के तबाह हो जाने के बाद इस का निर्माण कराया और उनके पुत्र मघवन्ना प्रथम ने स्तूप का काम पूरा कराया ,बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ लोग मानते है इस स्तूप में बुद्ध के अवशेष रखे है। जब इसे बनाया गया था यह निश्चित रूप से दुनिया में तीसरी सबसे ऊंची स्मारक थी , पहले दो मिस्र के पिरामिड थे। यह मूल रूप से है 120 मीटर उँचा था पर जब केवल 70 मीटर ही बचा है ,इसे बनाने में 90 लाख से अधिक ईंटों का इस्तेमाल हुआ था जब यह बना उस समय करीब 3000 बौद्ध भिक्षु इस में निवास करते थे

वीजा नियम : श्रीलंका के लिए भारतीय सैलानियों को पहले से वीजा लेने की कोई जरूरत नहीं होती है। आपके पास सि़र्फ एक वैध पासपोर्ट होना चाहिए। इसके बाद भारतीय सैलानियों को कोलंबो पहुंचने के बाद वहीं वीजा जारी कर दिए जाते हैं। श्रीलंका के लिए भारतीयों को पहले से वीजा लेने की जरूरत केवल विशेष परिस्थितियों में ही होती है।

मुद्रा : श्रीलंका की मुद्रा रुपया है। भारत के 100 रुपये आम तौर पर 230 श्रीलंकाई रुपये के बराबर होते हैं

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