थुपरमाया ,अनुराधपुरम ,श्रीलंका
महिंदा, सम्राट अशोक के पुत्र
थे जो बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए श्रीलंका
में दूत के रूप में भेजे गए थे। इन के वजह से श्रीलंका में थेरावदा बौद्ध धर्म की और चैत्य पूजा की शुरवात श्रीलंका में हुई। उसके अनुरोध पर राजा देवनम्पियतिस्सा द्वारा
थुपरमाया स्तूप या दोगबा बनवाया गया जो बुद्ध
की हंसली की हड्डी पर बना है और पवित्र मन जाता है यह बौद्ध धर्म की शुरूआत के बाद
श्रीलंका में निर्मित पहला दोगबा माना जाता है।
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