Monday, 6 April 2015

शेय गोम्पा या शेय बौद्ध मठ ,लेह
लेह से 12 कि.मी. की दूरी पर शेय नामक स्थान पर शेय मठ या शेय गोम्पा स्थापित है। कहा जाता है कि 1633 में राजा डेल्डन नामग्याल ने इसकी नींव रखी थी। उनके पिता संजय नामग्याल के सम्मान में इसे 'लाछेन पाल्जीगों' नाम से भी जाना जाता है के।
हालाँकि वर्तमान में यह जर्जर हालत में है, पर पहले 'शेय' को लद्दाख की ग्रीष्मकालीन राजधानी माना जाता था। शेय सातवें तिब्बत गुरु की याद में दस दिन तक चलने वाले कार्यक्रमों का मुख्य स्थान है। मठ से लगा एक विशाल वृक्ष है, जिसमें सोने का पानी चढ़ी, ताँबे की भीमकाय बुद्ध प्रतिमा स्थापित है। इसे लद्दाख क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति माना जाता है। महल के नीचे एक भाग में बुद्ध की एक और प्रतिमा स्थापित है। शेय का अन्य भाग छोटे मठों (कोरटन) से घिरा हुआ है।

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