काओ 'अन् बौद्ध मंदिर , फ़ूज्यान ,चीन
मूल रूप से काओ 'अन् बौद्ध मंदिर को चीनी के 'मैनीकेइज़्म' धर्म मानाने वाले लोगो द्वारा निर्मित किया गया, और बाद में इसे एक बौद्ध मंदिर बन गया ,ऐसा कहा जा सकता है की 'मैनीकेइज़्म-और बौद्ध धर्म का मिश्रण इस मंदिर में है या यह बौद्ध भेष में इस 'मैनीकेइज़्म' मंदिर है।
यह मंदिर 12 वीं सदी में सोंग राजवंश के समय बनायीं गयी थी जो झोपड़ी नुमा थी पर 13 वीं सदी में इसे पक्का बनाया गया।
मानी धर्म या मैनीकेइज़्म धर्म -एक प्राचीन धर्म था जो ईरान के सासानी साम्राज्य के अधीन बेबीलोनिया क्षेत्र में शुरू होकर मध्य एशिया और उसके इर्द-गिर्द के इलाक़ों में बहुत विस्तृत हो गया। इसकी स्थापना मानी 216-276 ईसवी अनुमानित) मानी नामक एक मसीहा ने की थी और इसमें बौद्ध धर्म, ज़रथुष्टी धर्म और ईसाई धर्म के बहुत से तत्वों का मिश्रण था। मानी की लिखाईयाँ पूर्ण रूप से तो नहीं बची लेकिन उनके बहुत से अंश और भाषांतरित प्रतियाँ अभी भी उपलब्ध हैं। यह धर्म तीसरी से सातवी शताब्दी ईसवी तक चला और अपने चरम पर विश्व के सबसे मुख्य धर्मों में से एक था। उस समय यह चीन से लेकर रोम तक विस्तृत था।
धर्म तांग राजवंश के दौरान चीन में पंहुचा यह मूल रूप से सोग़दा व्यपारियो ( मध्य एशिया में स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। यह आधुनिक उज़्बेकिस्तान के स्थान पर मौजूद थी ) के साथ यहा पंहुचा था हालांकि, मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य चीन (चांग क्षेत्र) में मौजूद है और 843 की मैनीकेइज़्म धर्म विरोधी अभियान के दौरान एक मजबूत झटका लगा, और 845, के महान बौद्ध विरोधी अभियान के दौरान बौद्ध ,पारसी ,मैनीकेइज़्म और चीन के बहार से आये सभी धर्मो के खिलाफ अभियान में सभी दूसरे धर्म के पुजारियों को मारा या चीन से भगा दिया गया था ,जिस में भी मैनीकेइज़्म धर्म और बौद्ध धर्म को काफी नुकसान हुआ ,यह अभियान तांग सम्राट वूज़ोंग द्वारा चलाया गया था जिस का उद्देश था चीन के बहार से आये धर्मो को खत्म करना
मूल रूप से काओ 'अन् बौद्ध मंदिर को चीनी के 'मैनीकेइज़्म' धर्म मानाने वाले लोगो द्वारा निर्मित किया गया, और बाद में इसे एक बौद्ध मंदिर बन गया ,ऐसा कहा जा सकता है की 'मैनीकेइज़्म-और बौद्ध धर्म का मिश्रण इस मंदिर में है या यह बौद्ध भेष में इस 'मैनीकेइज़्म' मंदिर है।
यह मंदिर 12 वीं सदी में सोंग राजवंश के समय बनायीं गयी थी जो झोपड़ी नुमा थी पर 13 वीं सदी में इसे पक्का बनाया गया।
मानी धर्म या मैनीकेइज़्म धर्म -एक प्राचीन धर्म था जो ईरान के सासानी साम्राज्य के अधीन बेबीलोनिया क्षेत्र में शुरू होकर मध्य एशिया और उसके इर्द-गिर्द के इलाक़ों में बहुत विस्तृत हो गया। इसकी स्थापना मानी 216-276 ईसवी अनुमानित) मानी नामक एक मसीहा ने की थी और इसमें बौद्ध धर्म, ज़रथुष्टी धर्म और ईसाई धर्म के बहुत से तत्वों का मिश्रण था। मानी की लिखाईयाँ पूर्ण रूप से तो नहीं बची लेकिन उनके बहुत से अंश और भाषांतरित प्रतियाँ अभी भी उपलब्ध हैं। यह धर्म तीसरी से सातवी शताब्दी ईसवी तक चला और अपने चरम पर विश्व के सबसे मुख्य धर्मों में से एक था। उस समय यह चीन से लेकर रोम तक विस्तृत था।
धर्म तांग राजवंश के दौरान चीन में पंहुचा यह मूल रूप से सोग़दा व्यपारियो ( मध्य एशिया में स्थित एक प्राचीन सभ्यता थी। यह आधुनिक उज़्बेकिस्तान के स्थान पर मौजूद थी ) के साथ यहा पंहुचा था हालांकि, मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य चीन (चांग क्षेत्र) में मौजूद है और 843 की मैनीकेइज़्म धर्म विरोधी अभियान के दौरान एक मजबूत झटका लगा, और 845, के महान बौद्ध विरोधी अभियान के दौरान बौद्ध ,पारसी ,मैनीकेइज़्म और चीन के बहार से आये सभी धर्मो के खिलाफ अभियान में सभी दूसरे धर्म के पुजारियों को मारा या चीन से भगा दिया गया था ,जिस में भी मैनीकेइज़्म धर्म और बौद्ध धर्म को काफी नुकसान हुआ ,यह अभियान तांग सम्राट वूज़ोंग द्वारा चलाया गया था जिस का उद्देश था चीन के बहार से आये धर्मो को खत्म करना
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