Friday, 6 March 2015

 टुथ रेलिक टेंपल,श्रीलंका

इस मंदिर को टुथ रेलिक टेंपल कहा जाता है जहां भगवान बुद्ध का दांत रखा हुआ है यह श्रीलंका के कैंडी राज्य में मौजूद है कलिंग में संरक्षित बुद्ध के दांत अवशेष को राजकुमारी हेमामाली और उसके पति राजकुमार धन्ंता द्वारा आपने पिता राजा गुहासिवा के कहने पर श्रीलंका तस्करी कर लाया था और लंकापट्टना टापू में श्रीलंका को सौपा तब श्रीलंका में कीर्ति श्री मेघवर्णा (301-328) नाम के राजा का शासन था राजा कीर्ति श्री मेघवर्णा ने इसे मेघागिरी विहार में प्रतिष्ठापित किया वो आज श्रीलंका के अनुराधापुरा राज्य में है अवशेष की रक्षा सम्राट की जिम्मेदारी थी और सालो तक अवशेष श्रीलंका में राजशाही का प्रतीक बन गया इसलिए, , श्रीलंकाई राजशाही के निवास हमेशा बुद्ध के दांत के अवशेष पास बने होते थे। या दूसरे शब्दों में कहे तो बुद्ध के दांत के अवशेष हमेशा श्रीलंका के राजा के निवास के समीप होते थे यह आनुराधापुरा साम्राज्य ,पोलोन्नारुवा साम्राज्य ,दम्बदेनिया साम्राज्य ,यपाहुवा साम्राज्य, कुरुनेगला साम्राज्य के समय देखा गया ,गैम्पोला साम्राज्य के समय बुद्ध के अवशेष को नियाम्गम्पया विहार में रखा गया धर्मपाला राजा के समय अवशेष को देलगामुवा विहार के अन्दर एक पत्थर में छुपा के रखा गया बाद में हिरिपीटिये दियावदना राला और देवनगला रत्नालंकारा इस कैंडी शहर ले कर आये कैंडी पर 1603 में जब पुर्तगालियो ने कब्ज़ा कर लिया तो इन्हे दाम्बुला ले जाया गया और राजसिम्हा II के समय इन्हे वापस ढूंढा गया उन्होने मदिर को पुनः स्थापित किया और जो मदिर वर्तमान में खड़ा है उसे वीरा नरेंद्र सिन्हा द्वारा बनाया गया था.

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