Thursday, 5 March 2015

चन्द्रवरम् स्तूप  ,आन्ध्र प्रदेश 

चन्द्रवरम् आंध्र प्रदेश के प्रकासम जिले में गुंडलाकम्मा नदी के तट पर मौजूद है और सिंगरायकोण्डा पर्वत से घिरा हुआ है। इसे पहली बार प्रख्यात पुरातत्वविद् और इतिहासकार वेलुरीवेंकटा कृष्णा शास्त्री द्वारा खोजा गया था। 

चन्द्रवरम् बौद्ध स्थल बौद्ध धार्मिक गतिविधियों के लिए एक सक्रिय केंद्र था पुरातत्वविदों के अनुसार इसे करीब 2000 साल पहले बसाया गया था। यहा मिले शिलालेख खोजो से यह पता चलता है। यहां मिली स्मारकों और कलाकृतियों जैसे मिट्टी के बर्तन, सिक्के, और ब्राह्मी भाषा में लिखे शिलालेखजो 2000 साल पहले सातवाहन काल के मालूम पड़ते है। बौद्ध भिक्षु जो काशी से कांची जाया करते थे इस जगह को अपने विश्राम के लिए इस्तेमाल किया करते थे।

यहाँ अद्वितीय दो मंजिला महास्तूप है जिसका गुंबद 60 सेंटीमीटर की चौड़ा है और उस पर स्तूप ,बोधि वृक्ष ,धर्मचक्र को चूना पत्थर पर उकेरा गया है। इसके अलावा यहां बहुत से विहार ,स्तूप, मठ पाये गए है और महास्तूप और महाचैत्य, तीन खंडो वाला विहार और दो चैयग्रह जो एक दूसरे के सामने खड़े है भी यहाँ पाये गए है,यहा स्तंभों के सहारे खड़ा मंडप भी पाया गया है।

इस बौद्ध स्थल में अभी तक पर्यटकों और अन्य आगंतुकों के लिए बहुत अच्छी तरह से विकसित नहीं किया गया है।

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