Friday 6 March 2015

उड़ीसा में बौद्ध तीर्थ ललितगिरि, उदयगिरि और रत्नागिरी

यह तीनो स्थान एक दूसरे से 20-25 किलोमीटर दूर स्थित है। 

उड़ीसा में बौद्ध परिसर ललितगिरि, रत्नागिरी, उदयगिरी और धौलगिरि की पहाड़ियों पर स्थित हैं। इनमें से 14 किमी दूर उदयगिरी से स्थित धौलगिरि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। धौलगिरि वह स्थान माना जाता है, जहां प्रसिद्ध कलिंग युद्ध लड़ा गया था और जहां सम्राट अशोक नें वर्चस्व की लड़ाई छोड़कर,
जीवन के सत्य की खोज के लिए बौद्ध धर्म को अपनाया था।

खांडगिरि की गुफाएं, उदयगिरि के नजदीक ही लगभग 15 से 20 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। कुछ कदम चलकर ही यहां पहुंचा जा सकता है तथा गुफाएं आगंतुकों को अतीत के गौरव का दर्शन कराने को तैयार होती हैं। यहां कुल 15 गुफाएं हैं, जो मुख्य रूप से जैन भिक्षुओं के आवासीय प्रयोजन के लिए बनायी गयी हैं।

हले कभी बुद्ध परिसर रहे, ललितगिरि, उदयगिरि और रत्नागिरी मिलकर 'पुष्पा विश्वविद्यालय' या 'डायमंड त्रिभुज बन गये हैं। उदयगिरी से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थान का मुख्य आकर्षण एक संग्रहालय है, जिसमें गौतम बुद्ध की अस्थियों वाला कास्केट तथा खुदाई में प्राप्त पहली शताब्दी के अन्य प्राचीन पुरातात्विक चीजें है।

विभिन्न आसन की कई बुद्ध की प्रतिमाओं के अलावा, कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां, सोने और चांदी की कई प्राचीन गहने युक्त प्रतिमाएं जो खुदाई में पायी गयीं, उनको भी अब सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया है। इस बलुआ पत्थर की पहाड़ी के शीर्ष पर, एक विशाल हरे क्षेत्र की पृष्ठभूमि में एक ईंटों से बने मठ के अवशेष, मन्नत पूरी करने वाले स्तूप, चैत्य हॉल है।

लांगुडी हिल्स,महानदी डेल्टा से 90 किलोमीटर दूर जाजपुर जिले में स्थित एक छोटी पहाड़ी है। एक सुंदर नदी केलू जो पहाड़ी और मैदानी इलाकों से होकर बहती है, इन हिल्स की खूबसूरती को बढ़ा देती है। एक सुरम्य स्थल होने के अलावा, यह उड़ीसा का दुर्लभ बौद्ध स्थापत्य केन्द्र भी है। इस जगह का मुख्य आकर्षण यहां खुदाई में चट्टानों को काट कर बनाये गये 34 स्तूप हैं।

इसके अतिरिक्त, यहां ‘आधे मुस्कुराते हुए बुद्ध’ “समाधि मुद्रा” में तथा अन्य मुद्राओं में बुद्ध को देखने के लिए लांगुडी हिल्स यहां पर्यटन को खूब बढ़ावा दे रहा है। यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा एक संरक्षित स्थान बन गया है। इसके अलावा, हिंदू देवियों की कई असाधारण मूर्तियां भी मौजूद हैं।


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