सम्राट अशोक का कोप्पल के गवीमठ का शिलालेख ,,कर्नाटक
कोप्पल के गवीमठ में सम्राट अशोक का एक शिलालेख है जिस पढ़ना बहुत मुश्किल है क्यों की यह बारिश और समय के प्रभाव से कुछ ख़राब सा हो गया है। यह सम्राट अशोक ने अपना नाम नहीं लिखवाया है यहा उन्हें "देवनम् पियदसी" मतलब भगवान के प्यारो के नाम से लिखा है और इस शिलालेख को लिखने उदेश्य यह है की कोई भी बुद्ध धर्म को जान सकता है और उसे अपना सकता है
कोप्पल कर्नाटका राज्य का एक जिला है और गवीमठ, कोप्पलका जिले का एक शहर जहाँ सम्राट अशोक का यह शिलालेख है।
कोप्पल के गवीमठ में सम्राट अशोक का एक शिलालेख है जिस पढ़ना बहुत मुश्किल है क्यों की यह बारिश और समय के प्रभाव से कुछ ख़राब सा हो गया है। यह सम्राट अशोक ने अपना नाम नहीं लिखवाया है यहा उन्हें "देवनम् पियदसी" मतलब भगवान के प्यारो के नाम से लिखा है और इस शिलालेख को लिखने उदेश्य यह है की कोई भी बुद्ध धर्म को जान सकता है और उसे अपना सकता है
कोप्पल कर्नाटका राज्य का एक जिला है और गवीमठ, कोप्पलका जिले का एक शहर जहाँ सम्राट अशोक का यह शिलालेख है।
No comments:
Post a Comment